काली बदरी पीछे छिपा वो चांद कुछ यादें ताज़ा कर गया,
काले बालों के पीछे वो हसीन चेहरा फिर दिल को सता गया,
कुछ बिजली क्या चमकी वो कातिल नैन याद दिला गया,
बादल की गड़गड़ाहट तेरे दिल की धड़कन सुना गया,
कुछ बूंदे क्या गिरी तेरे बदन की खुश्बू सांसों में लहरा गई,
भीगी भीगी ये वादियां दिल में एक और कसक जगा गई…
16 replies on “बस यूँही……..”
Kya baat
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Thanks Ketaki
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Superb
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Thanks Karunaji
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फिर एक खुशनुमा शाम का इंतेजार……
.व्वा साजेसा फोटो व शब्द.
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That will come again next weekend
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V’ v’ nice pic …V’ nice line…sahebji
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Thanks Shailesh bhai
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Beautiful….
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Thanks Anand
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सारी रात ख्वाबों में जाने क्या गुफ्तगू कर ली,
सुबह होते ही मानो जीने की एक और चाह बन गई…
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Wonderful, Daxay
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काली बदरी पीछे छिपा वो चांद कुछ यादें ताज़ा कर गया,
काले बालों के पीछे वो हसीन चेहरा फिर दिल को सता गया,
कुछ बिजली क्या चमकी वो कातिल नैन याद दिला गया,
बादल की गड़गड़ाहट तेरे दिल की धड़कन सुना गया,
कुछ बूंदे क्या गिरी तेरे बदन की खुश्बू सांसों में लहरा गई,
भीगी भीगी ये वादियां दिल में एक और कसक जगा गई…
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Lovely. Awesome
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Wow beautiful lines as always
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Thanks Manoj bhai
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